एक फूल अजीब था, कभी हमारे भी बहुत करीब था, जब हम चाहने लगे उसे, तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था|
Tag: Hindi Shayri
मुहब्बत मुक़म्मल होती तो
मुहब्बत मुक़म्मल होती तो ये रोग कौन पालता … अधूरे आशिक़ ही तो शायर हुआ करते हैं…
बहुत दिनों से
बहुत दिनों से जिन्हें ओढ़ा नहीं है कल उन रिश्तों को धूप दिखाने का मन है…
कुछ दरमियाँ नहीं
कुछ दरमियाँ नहीं है गर तेरे मेरे तो ये बेचैनियाँ क्यूँ हैं? लौट आओ कि कुछ रिश्ते बेरुखी से भी नहीं टूटा करते|
मिलती है मौजूदगी
मिलती है मौजूदगी उस खुदा की उसको जिसने जर्रे जर्रे में ,क़तरे क़तरे में तलाशा है उसको ।
लफ़्ज़ों की गुजरिशो में
लफ़्ज़ों की गुजरिशो में ना उलझ मंज़र…. हर गुजारिश की आरज़ू जायज़ नही होती
मिलने को तो
मिलने को तो दुनिया में कई चेहरे मिले, पर तुम सी मोहब्बत तो हम खुद से भी न कर पाये !!
महफील भले ही
महफील भले ही प्यार करने वालो की हो, उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शायर ही लाता है !!
कभी टूटा नहीं
कभी टूटा नहीं दिल से तेरी याद का रिश्ता, गुफ्तगू हो न हो ख्याल तेरा ही रहता है !!
बस एक शख्स
बस एक शख्स मेरे दिल की जिद है, ना उससे ज्यादा चाहिए ना कोई और चाहिए !!