कहीं फिसल न जाऊं

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते, अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !!

इश्क है या इबादत..

इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता, एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता.

आईना आज फिर

आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया, दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया|

वो दुआएं काश

वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती, ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है!!

निगाहों से भी

निगाहों से भी चोट लगती है.. जनाब.. जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है..!!

मौत कहाँ मर गयी..

खुदा जाने ये मौत कहाँ मर गयी.. अब मुझे जिंदगी की ज़रूरत नही है..!!

जान पहचान के

जान पहचान के लोगों में भी पहचान नहीं कैसी फैली है यहाँ बेरुखी कूचा-कूचा..

कितनी दिलकश है

कितनी दिलकश है उसकी ख़ामोशी सारी बातें फ़िज़ूल हों जैसे…

हम मोहब्बत में

हम मोहब्बत में दरख़्तों की तरह है..जहाँ लग जायें वहीं मुद्दतों खड़े रहते हैं!!!

सिर गिरे सजदे में

सिर गिरे सजदे में, दिल में दग़ा-बाज़ी हो.. ऐसे सजदों से भला, कैसे खुदा राज़ी हो!!!

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