सारे घर के उजाले का

सारे घर के उजाले का जिम्मा था मुझ पर, जब बुझने लगा चिराग तो जलना पड़ा मुझे|

काश पता चल जाये

काश पता चल जाये उनको मैं भी उनका एक पता हूँ।।

मोहब्बत की आजमाइश

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा;किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..

तुम मुझे फरेब दो

तुम मुझे फरेब दो और मैं प्यार समझूं उसे अब इतना सादगी का ज़माना नहीं रहा…

वो शख़्स जो

वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया, किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था|

वो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर

वो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर हो गई;हमने उनकी याद में इतने ख़त लिखे कि;वो रद्दी बेचकर अमीर हो गई।

जब भी बाहरी दुनिया से

जब भी बाहरी दुनिया से दुख मिले तो हमारे पास आ जा इज्जत मुफ्त में और मोहब्बत बेपनाह मिलेगी..!

मैं तो फिर भी

मैं तो फिर भी इंसान हूँ,बहक जाना फितरत में शामिल है मेरी हवा भी उसको छूने के बाद देर तक नशे में रहती है|

है क़यामत भी

है क़यामत भी एक चीज़ लेकिन देखना,तेरी अंगड़ाई जीत जायेगी|

मोहब्बत ऐसी धडकन हैं

मोहब्बत ऐसी धडकन हैं जो समझाई नही जाती….ज़ुबां पे दिल की बेचैनी कभी लाई नही जाती….

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