जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह

जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह, बस इतनी सी बेवफा थी वो…

मंजिल पाना तो बहुत दूर की बात है

मंजिल पाना तो बहुत दूर की बात है.. गुरुर में रहोगे तो रास्ते भी न देख पाओगे…

सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर

सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर, बात जो दिल से निकली है बुरी लगती है…

किस्मत की लकीरें भी ये क्या हो गई

किस्मत की लकीरें भी ये क्या हो गई….. हाथों से छूटी और गुमनाम राहें हो गई..

कौन कहता है

कौन कहता है कि ‘पैसा’ सब कुछ खरीद सकता है. . . दम है तो टूटे हुए ‘विश्वास’ को खरीदकर दिखाईये…!!!

इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ

इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ…!!! चमक उन्होने बटोरी… तड़प हम ले आए…!!!

जग रहे हो किसी के लिए

जग रहे हो किसी के लिए.. .. या किसी के लिए सोये नहीं ?

धड़कने गूजती है सीने में

धड़कने गूजती है सीने में , इतने सुनसान हो गए हैं हम..!!!

ऐ दिल सोजा

ऐ दिल सोजा, अब तेरी शायरी पढ़ने वाली अब किसी और शायर की गजल बन गयी है..⁠⁠⁠⁠

मन को देखो

कभी किसी के चेहरे को मत देखो बल्कि उसके मन को देखो क्योंकि अगर सफ़ेद रंग में वफ़ा होती तो नमक जख्मो की दवा होती।

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