पूछा हाल शहर का

पूछा हाल शहर का तो, सर झुका के बोलें, लोग तो जिंदा हैं, जमीरों का पता नहीं ..

जवानी में जिंदगी

जवानी में जिंदगी के रिवाज बदल जाते हैं, उम्र बदलने के साथ अंदाज बदल जाते हैं,, खुशनुमा आलम हो और हुस्न हो अगर साथ, तो अच्छे अच्छों के हुजूर मिजाज बदल जाते हैं|

आज न जाने राज़ ये क्या

आज न जाने राज़ ये क्या है हिज्र की रात और इतनी रौशन

ये शरारत भरा

ये शरारत भरा लहजा तो आदत है मेरी . . . तू हर बात पे यूँ आँखे लाल ना किया कर . . . ।

उसे पाने की कोई

उसे पाने की कोई आरज़ू ना रही अब, पर खो जाने का डर बहुत सताता है।

हालात हैं वक़्त है

हालात हैं वक़्त है या फिर ख़ुदा,,, ये रह रह के मुझे परखता है कौन…

दिल के बाहर भी

दिल के बाहर भी कुछ समंदर हैं, थोड़े कम दर्द जिनके अन्दर हैं…!

रात ख़्वाब में

रात ख़्वाब में, मैंने अपनी मौत देखी थी.. इतने रोने वालों में तुम नज़र नहीं आए…

मुझसे मोहब्बत पर

मुझसे मोहब्बत पर मशवरा मांगते हैं लोग… उसका इश्क़ कुछ इस तरह तजुर्बा दे गया मुझे…

कैसे बयान करुं

कैसे बयान करुं सादगी मेरे महबूब की, पर्दा हमी से था मगर नजर हम पर ही थी…

Exit mobile version