एहसास ए मोहब्बत

एहसास ए मोहब्बत क्या है ज़रा हमसे पूछो ? करवटें तुम बदलते हो नींद मेरी उड़ जाती है …

ग़ैरों से पूछता है

ग़ैरों से पूछता है तरीका निजात का… अपनों की साजिशों से परेशान ज़िन्दगी… !!

तेरे बाद किसी को

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने, हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही…!

दिल को समझाने के बहाने

दिल को समझाने के बहाने बहुत हैं पर आंखों के आँसू को छुपाऊँ कहाँ ?

मैं पसंद तो बहुत हूँ

मैं पसंद तो बहुत हूँ सबको,पर… जब उनको मेरी ज़रुरत होती तब..!!

सच ये है

सच ये है पहले जैसी वो चाहत नहीं रही… लहजा बता रहा है मोहब्बत नहीं रही..

सुना है हमें

सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं… तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं..

शायरी उसी के लबों पर

शायरी उसी के लबों पर सजती है मेरे दोस्त….. जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हैं ..!!!

हम ने ठानी और है…

कोई दिन गर ज़िंदगानी और है, अपने जी में हम ने ठानी और है…

मोहब्बत है गज़ब

मोहब्बत है गज़ब उसकी शरारत भी निराली है, बड़ी शिद्दत से वो सब कुछ निभाती है अकेले में…

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