नाज़ करने लगे !

साफ़ दामन का दौर, खत्म हुआ,लोग धब्बों पे, नाज़ करने लगे !

तकलीफ होती है

कीमत बता तू मुझे सजा-ए मोहब्बत से रिहाई की…. बहुत तकलीफ होती है तेरी यादों की सलाखों में…..

गुमनाम ज़िन्दगी थी

अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी, गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितने सुकून से सोया करते थे|

बर्बाद तो हमने

बर्बाद तो हमने अपनी ज़िन्दगी कर दी, तो तू क्या चीज़ हे मेरी जान..

तुम याद रखना

तुम दूर..बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं… पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है.. बस ये बात तुम याद रखना…

चेहरे पर सुकून

चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है..!! वरना बेचैन तो दिल ज़माने भर का है…!!!!

क्रोध में दिया गया

मुस्कुराओ… क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है… और मुस्कुरा कर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।

रिश्ते उलझ जाते हैं

नाराज़गियों को कुछ देर चुप रह कर मिटा लिया करो…. …,ग़लतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं !

वो याद करेगी

वो याद करेगी जिस दिन भी मेरी मोहब्बत को, रोएगी बहुत वो उस दिन फिर मेरी होने के लिए..

पढ़ के याद करोगे

रख लो मेरी शायरी किताबों मे सजा कर ….. इन्हे पढ़ के याद करोगे जब हम नही रहेंगे …..।।।।

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