कागज कोरा ही रहने दीजिऐ वरना बेवजह दर्द ब्यान हो जाऐगा !
Tag: प्यारी शायरी
कल के पन्ने
कल के पन्ने खाली रह गए, जो आज लिखा जा रहा है, पता नहीं! कोरा कागज न छूट जाए।
बन्द कर देता है
बन्द कर देता है “आँखे” अक्ल कि.. ” इश्क” जब वारदात करता है…!!
लुटा चुका हूँ
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो; मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ|
दुनिया में हूँ
दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ बाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीददार नहीं हूँ|
काफी दिनों से
काफी दिनों से, कोई नया जख्म नहीं मिला; पता तो करो.. “अपने” हैं कहां ?
दुश्मनों के खेमें में
दुश्मनों के खेमें में चल रही थी मेरे क़त्ल की साज़िश मैं पहुंचा तो वो बोले यार तेरी उम्र बहुत लंबी हैं|
अलविदा कहने में
अलविदा कहने में उसने जिंदगी का एक पल खोया…. हमने एक पल में पूरी जिंदगी खो दी|
न ख़ुशी अच्छी है
न ख़ुशी अच्छी है ऐ दिल, न मलाल अच्छा है, यार जिस हाल में रखे, वही हाल अच्छा है।
बस मुस्करा दो
बस मुस्करा दो, तबियत ख़ुश हो जाती है मेरी; सारे शहर में ढूँढ लिया, हकीम तुम सा नहीं|