उठाकर फूल की पत्ती उसने

उठाकर फूल की पत्ती उसने बङी नजाकत से मसल दी,इशारो इशारो मेँ कह दिया की हम दिल का ये हाल करते है.

तेरी मोहब्बत भी किराये के घर

तेरी मोहब्बत भी किराये के घर की तरह थी,कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई .

आख़िर तुम भी उस आइने की तरह

आख़िर तुम भी उस आइने की तरह ही निकले, जो भी सामने आया तुम उसी के हो गए.

तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है

तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है, इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है, यूँ तो रातों को नींद नही आती, पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है।

रिश्ता

?” रिश्ता “? कई लोगों से होता है , मगर … कोई प्यार से निभाता है तो … कोई नफरत से निभाता है ..

दर्द

?” दर्द “? सभी इंसानो मे है मगर … कोई दिखाता है तो … कोई छुपाता है …..

हमसफर

?” हमसफर “? सभी है मगर … कोई साथ देता है तो … कोई छोड देता है …..

बेवजह मिलना ए दोस्त

कभी मिल सको तो पंछीयो की तरह बेवजह मिलना ए दोस्त, वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज कितने मिलते है ।

प्यार सभी करते है मगर

?” प्यार “? सभी करते है मगर … कोई दिल से करता है तो … कोई दिमाग सें करता है

वो ‎माँ‬ ही है

रुके तो चाँद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है, वो ‎माँ‬ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है….?

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