मेरी उम्र तेरे ख्याल में गुज़र जाए.. चाहे मेरा ख्याल तुझे उम्रभर ना आए|
Tag: जिंदगी शायरी
बड़ी अजीब सी है
बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी, उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।
रिश्ते बनावट के पसंद
रिश्ते बनावट के पसंद नहीं मुझे.. दोस्त हों या दुश्मन सब…. असली हैं मेरे..
इश्क़ तो बेपनाह हुआ…
इश्क़ तो बेपनाह हुआ…कसम से………. गलती बस ये हुई कि……..हुआ तुमसे
हम ने तो वफ़ा के
हम ने तो वफ़ा के लफ़्ज़ को भी वजू के साथ छूआ जाते वक़्त उस ज़ालिम को इतना भी ख़याल न हुआ |
उनको मेरी आँखें पसंद है
उनको मेरी आँखें पसंद है, और मुझे खुद कि आँखों में वो|
लोग कहते हैं
लोग कहते हैं कि समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं, मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेखबर….
खामोश रहने दो
खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को, आँखों को बयाँ करने दो हकीकत, अश्क जब निकलेंगे झील के, मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने..
आज़ाद कर दिया
आज़ाद कर दिया हमने भी उस पंछी को, जो हमारी दिल की कैद में रहने को तोहीन समजता था ..
परिन्दों की फिदरत से
परिन्दों की फिदरत से आये थे वो मेरे दिल में , जरा पंख निकल आये तो आशियाना छोड़ दिया ..