तेरे होने पर भी ये जो अकेलापन मारता है… पता नहीं, ये मेरी मुहब्बत की हार है या तेरी बेरुख़ी की जीत|
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मेरे जज़्बात आँसुओं वाले
मेरे जज़्बात आँसुओं वाले,,,,, शेर सब हिचकियों से लिखता हूँ….!!
ज़रा देर बैठे थे
ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में, तेरी याद आँखें दुखाने लगी….!!
यह कैसी आग है
यह कैसी आग है जिसमें जल रहें है हम, जलते ही जा रहे, जले से राख बनते नहीं हम…!!
आज नही तो कल
आज नही तो कल ये एहसास हो ही जायेगा…. कि “नसीब वालो” को ही मिलते है फिकर करने वाले|
मकसद पहचान लेते है
शहद जुबा के मकसद पहचान लेते है , गैरजरूरी तवज्जो की वजह जान लेते है । हमे मासूम , बेखबर , नादां समझते है वो , और हम रिश्तों को “बंदगी”
चलो कुछ बात करते हैं
चलो कुछ बात करते हैं, बिन बोले बिन सुने एक तन्हा मुलाक़ात करते हैं|
पैसों के लिये
पैसों के लिये नाता तोड़ने वाले पैसा छुपाने के लिये रिश्तेदार ढूँढ रहे है |
काश मुलाकात हो
काश मुलाकात हो तुमसे कुछ इस तरह मेरी सारी जिंदगी बस एक मुलाकात में गुजार लूँ|
जब बिखरेगा तेरे गालों पर
जब बिखरेगा तेरे गालों पर तेरी आँखों का पानी,तब तुझे अहेसास होगा की मोहब्बत किसे कहते है !!