अगर तुम्हें भूलाना मुमकिन होता

अगर तुम्हें भूलाना मुमकिन होता तो कब के भूला दिये होते, यूँ पैरों में मोच होते हुए भी चलना किसको पसंद है !!

सारे अरमान माँग लो

प्यार से चाहे सारे अरमान माँग लो , रूठकर चाहे मेरी मुस्कान माँग लो, तमन्ना ये है कि ना देना कभी धोखा, फिर हँसकर चाहे मेरी जान माँग लो…

छा जाती है

छा जाती है खामोशी अगर गुनाह अपने हों..!! बात दूसरे की हो तो शोर बहुत होता है….!!

जो जले थे

जो जले थे हमारे लिऐ, बुझ रहे है वो सारे दिये, कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिये..

रंग बातें करें

रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए|

हमसे मत पूछिए

हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में, अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में!

किसे खोज रहे तुम

किसे खोज रहे तुम इस गुमनाम सी रुह में. वो लफ़्जो में जीने वाला अब खामोशी में रहता है|

उसे छत पर

उसे छत पर खड़े देखा था मैं ने कि जिस के घर का दरवाज़ा नहीं है|

न शाख़ ने थामा

न शाख़ ने थामा, न हवाओं ने बक्शा, वो पत्ता आवारा ना फिरता तो क्या करता।

रोज एक नई तकलीफ

रोज एक नई तकलीफ रोज एक नया गम, ना जाने कब ऐलान होगा की मर गए हम

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