ये जिंदगी तेरे साथ हो …

ये जिंदगी तेरे साथ हो … ये आरजू दिन रात हो …. मैं तेरे संग संग चलूँ … तू हर सफर में मेरे साथ हो …..

आज नही तो कल

आज नही तो कल ये एहसास हो ही जायेगा….!!.. कि “नसीब वालो” को ही मिलते है फिकर करने वाले”

मुझे किसीसे नहीं

मुझे किसीसे नहीं अपने आप से है गिला, मैंने क्यूँ तेरी चाहत को जिन्दगी समझा|

इस कदर हम

इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए, कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए, आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था, आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!

इश्क का समंदर

इश्क का समंदर भी क्या समंदर है, जो डूब गया वो आशिक जो बच गया वो दीवाना…!!

वक्त गुजारने के लिए

मुझे सिर्फ वक्त गुजारने के लिए ना चाहा कर..ए जिंदगी मैं भी इन्सान हूँ और मुझे भी तकलीफ होती है|

लाख समझाया उसको

लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है…. मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की.

मुझको ही अपने

मुझको ही अपने पास लौटना पड़ा तुम मेरे इंतजार से आगे बढ़ गए|

हुस्न और इश्क

हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!! जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….

हमारे इश्क़ को

हमारे इश्क़ को झूठा कैसे कहा तुमने , जब तुमने हमे तुमसे इश्क़ करने से पहले ही ठुकरा दिया…!!

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