याद है लेहज़ा उसका..!!

वो एक बात बहुत तल्ख कहीं थी उसने, बात तो याद नही, याद है लेहज़ा उसका..!!

गम की परछाईयाँ

गम की परछाईयाँ यार की रुसवाईयाँ, वाह रे मुहोब्बत ! तेरे ही दर्द और तेरी ही दवाईयां |

बहुत आसान है

बहुत आसान है पहचान इसकी अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है|

सोचता हूँ बेच ही डालू

सोचता हूँ बेच ही डालू अब इसे… मेरे सब उसूल पुराने हो गए है|

बदल देते है

बदल देते है लोग कर्म से ही दुनिया, तकदीर पर भरोसा कुछ ज्यादा न करो !!

दिल बड़ा होना चाहिए

दिल बड़ा होना चाहिए, बातें तो सब बड़ी बड़ी करते है !!

है अजीब शहर की ज़िन्दगी..

है अजीब शहर की ज़िन्दगी.. न सफर रहा न कयाम है कहीं कारोबार सी दोपहर ,कहीं बदमिजाज सी शाम है|

यूँ न बर्बाद कर

यूँ न बर्बाद कर मुझे अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से, मैं तो इंसान हूँ पत्थर भी टूट जाते है इतना आजमाने से !!

दुआ तो दिल से

दुआ तो दिल से मांगी जाती है जुबाँ से नहीं…. कुबूल तो उसकी भी होती है जिस की जुबाँ नहीं होती..

रात भर भटका है

रात भर भटका है मन मोहब्बत के पुराने पते पे चाँद कब सूरज में बदल गया पता नहीं चला|

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