चुप्पियां जिस दिन खबर हो जायेगी…! कई हस्तियां दर–ब–दर हो जायेगी…!!
Tag: कविता
कुछ लोग जी रहे हैं
कुछ लोग जी रहे हैं,शराफ़त को बेचकर, थोड़ी-बहुत शराफ़त उन्हीं से खरीदिये!
अमीर तो हम भी थे
अमीर तो हम भी थे दोस्तों, बस दौलत सिर्फ दिल की थी… खर्च तो बहुत किया, पर गिनती सिर्फ सिक्खों की हुई…….
खुबसूरत क्या कह दिया
खुबसूरत क्या कह दिया उनको, के वो हमको छोड़कर शीशे के हो गए तराशा नहीं था तो पत्थर थे, तराश दिया तो खुदा हो गए|
जिन्दगी बैठी थी
जिन्दगी बैठी थी अपने हुस्न पै फूली हुई, मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया………..
मैं खुल के हँस तो रहा हूँ
मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए. वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए..
उसकी जीत से
उसकी जीत से होती हे ख़ुशी मुझको….! यही जवाब मेरे पास अपनी हार का था ….
मसरुफ रहने का अंदाज
मसरुफ रहने का अंदाज आपको तन्हा ना कर दे, रिश्ते फुरसत के नही, तवज्जो के मोहताज़ होते हैं ….
हम ने कब माँगा है
हम ने कब माँगा है तुम से अपनी वफ़ाओं का सिला बस दर्द देते रहा करो “मोहब्बत” बढ़ती जाएगी|
गिनती में ज़रा
गिनती में ज़रा कमज़ोर हुं … ज़ख्म बेहिसाब ना दिया करो …!!!