दीदार किये उस चाँद के

दीदार किये उस चाँद के कई सदिया बीत गई हमारी वफ़ा हारी और उसकी बेवफाई जीत गई….

जी में जो आती है

जी में जो आती है कर गुज़रो कहीं ऐसा न हो कल पशेमाँ हों कि क्यों दिल का कहा माना नहीं |

मिजाज पूछ लिया

तुमने आकर मिजाज पूछ लिया,अब कहाँ तबिअत संभलती है।

धड़कनों ने बताया

धड़कनों ने बताया मोहब्बत आज भी उसी से है|

क़ैद ख़ानें हैं

क़ैद ख़ानें हैं , बिन सलाख़ों के कुछ यूँ चर्चें हैं , तुम्हारी आँखों के.

बुरी आदतें अगर

बुरी आदतें अगर, वक़्त पे ना बदलीं जायें… तो वो आदतें, आपका वक़्त बदल देती हैं|

मोहब्बत ठंड जैसी है

मोहब्बत ठंड जैसी है साहब।।।। लग जाये तो बीमार कर देती है।।

काश वो आकर कहे

काश वो आकर कहे, एक दिन मोहब्बत से……!! ये बेसब्री कैसी ? तेरी हूँ, तसल्ली रख…!!

मेरे लफ़्ज़ों को

मेरे लफ़्ज़ों को अब भी नशा है तुम्हारा … निकल कर ज़हन से, कागज़ों पर गिर पड़ते हैं …

कौन शर्मा रहा है

कौन शर्मा रहा है यूं फुर्सत में हमें याद कर कर के, हिचकियाँ आना चाह रही हैं पर हिचकिचा रही हैं।

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