जैसे जैसे तू

जैसे जैसे तू हसीन दिखने लगी है… मेरी ✏ कलम और भी अच्छी शायरी लिखने ✔ लगी है…

जिस के होने से

जिस के होने से मैं खुद को मुक्कमल मानता हूँ मेरे रब के बाद मैं बस मेरी # माँ को जानता हूँ !!!

मेरे सात बेठ के

मेरे सात बेठ के टाइम भी रोया एक दिन केहने लगा बन्दा तु सही है मे हि खराब चल रहा हुं….

मां जो भी बनाए उसे

मां जो भी बनाए उसे बिना नखरे किये खा लिया करो क्युंकि दुनिया में ऐसे लोग भी है जिनके पास या तो खाना नही होता या मां नही होती ✏️

मेरी तक़दीर में एक

मेरी तक़दीर में एक भी गम न होता अगर तक़दीर लिखने का हक़ मेरी माँ को होता. .

अवार्ड वापिस करने

अवार्ड वापिस करने वालों की जरा गैस सब्सिडी तो चेक करना वापिस की या नहीं !!

भूल सकते हो तो

भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे, ना भूल पाओ तो लौट आना, एक और भूल की इजाज़त है तुम्हे…!

जो दिल को अच्छा लगता है

जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ , मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत मै नही करता

अखबार तो रोज़

अखबार तो रोज़ आता है घर में, बस अपनों की ख़बर नहीं आती…..

उम्र भी यूँ ही जीया

कोई तबीर (लंबी) उम्र भी यूँ ही जीया, कोई जरा सी उम्र में इतिहास रच गया..

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