सौ गुना बढ़ जाती है खूबसूरती महज मुस्कुराने से, फिर भी बाज नहीं आते लोग बुरा सा मुँह बनाने से…
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दिल की हकीकत
क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरजू बेहोश है, ख़त में आँसू बह रहें और कलम खामोश हैं…॥
अजीब रिश्ता है
कैसा अजीब रिश्ता है ये…दिल आज धोखे में हैं… और धोखेबाज आज भी दिल में….
मेरे हाथों की
लकीरें मेरे हाथों की एकाएक जगमगाती हैं, मरे हाथों में जिस लम्हें तेरा हाथ होता हैं…॥
परवाह कौन करता है
ईश्क में रास्तों की परवाह कौन करता है, जो इस रास्तें पर चलता है वो बहकता जरूर हैं॥
तू ज़माने में
मेरा बिना खुश रहे तू ज़माने में, कि याद भी आ ना पाऊँ अनजानें में…॥
इंसान तब बड़ा नहीं होता
इंसान तब बड़ा नहीं होता जब वह बड़ी-बड़ी बातें करने लगता है, बल्कि तब बड़ा होचा है जब वह छोटी-छोटी बात समझने लगता है…॥
जब जब तेरी
जब जब तेरी जरूरत होती है.. ! ..उदासी खूबसूरत होती है.. !!
नदिया का पानी
नदिया का पानी भी खामोश बहता यहाँ खिली चांदनी में छिपी लाख खामोशियाँ बारिश की बूंदों की होती कहाँ है जुबां सुलगते दिलों में है खामोश उठता धुंआ
हम तो अंधेरे में
हम तो अंधेरे में सोने के आदी थे, और वो बेवफ़ा मेरी कब्र पे दिये जलाने आ गए…!