थी हर इक बात, जिस बात से बात वो भी भुलानी पड़ी
Tag: बेवफा शायरी
कभी कभी वजह भी दे दिया करो
मशवरा तो देते रहते हो कि खुश रहा करो, कभी कभी वजह भी दे दिया करो
जरा सी रंजिश पर ना छोड़
जरा सी रंजिश पर ना छोड़ किसी अपने का साथ…….. जिंदगी बीत जाती है अपनों को अपना बनाने मै……।
आँख बंद करके चलाना खंजर
आँख बंद करके चलाना खंजर मुझ पे , कही मैं मुस्कुराया तो तुम पहले मर जाओ गे ,
सारा दर्द मुझे ही सौंप दिया
सारा दर्द मुझे ही सौंप दिया… उसे मुझपे ऐतबार बहुत था…!!!
जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह
जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह, बस इतनी सी बेवफा थी वो…
सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर
सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर, बात जो दिल से निकली है बुरी लगती है…
इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ
इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ…!!! चमक उन्होने बटोरी… तड़प हम ले आए…!!!
जग रहे हो किसी के लिए
जग रहे हो किसी के लिए.. .. या किसी के लिए सोये नहीं ?
धड़कने गूजती है सीने में
धड़कने गूजती है सीने में , इतने सुनसान हो गए हैं हम..!!!