तुझे क्या देखा खुद को भूल गए

तुझे क्या देखा, खुद को भूल गए हम इस कदर.. कि अपने ही घर आये, औरों से रास्ता पूछकर…!!

वाकिफ तो रावण भी था

वाकिफ तो रावण भी था, अपने अंजाम से….. जिद तो अपने अंदाज से जीने कि थी……

दर्द कितना खुशनसीब है

दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं, दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है !!

दिल को हल्का कर लेता हूँ

दिल को हल्का कर लेता हूँ लिख-लिख कर। लोग समझते हैं मैं शायर हो गया हूँ।।

ये जलजले यूँ ही बेसबब नहीं आते

ये जलजले यूँ ही बेसबब नहीं आते.. ज़रूर ज़मीन के नीचे कोई दीवाना तड़पता होगा…

बादल हो या बियर का नशा

बादल हो या बियर का नशा… अचानक से छा ही जाता है… प्यार हो या चेहरे पे पिंपल…सबकी नज़र मे आ ही जाता है.. दाँत का दर्द हो या गर्ल फ्रेंड की शादी, आँखो मे आँसू आ ही जाते है….

मैं उसकी आँख के हर खवाब में

मैं उसकी आँख के हर खवाब में कुछ रंग भर पाऊँ मेरे अल्लाह मुझको सिर्फ इतनी हैसियत देना

हमने कब कहा कीमत समझो

हमने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी… , हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते…. …… ……….

मेरी गली से गुजरा.. घर तक

मेरी गली से गुजरा.. घर तक नहीं आया, , , , अच्छा वक्त भी करीबी रिश्तेदार निकला… …… ………..

Exit mobile version