वो रोज मुझको

वो रोज मुझको देती है जीने के मशवरे… और वो खुद अपनी मुठ्ठी में मेरी जान लिये बैठी है|

शम्मे न जला तू

शम्मे न जला तू अभी, रहने दे अंधेरे को.. तू रात के पहलू में | एक चांद सी लगती है

मेरे दर्द भरे

मेरे दर्द भरे उदास शेर को हौंसला देने वालों, ज़रा मेरे शिकार लफ़्ज़ों की भी तबियत पूछ लेते।

तुझको पाने की

तुझको पाने की जुस्तजू बहुत है दिल में, मुझसे अब करिश्मा न होगा ख़ुदा ही करे।

चाहने वालो को

चाहने वालो को नही मिलते चाहने वाले.! हमने हर दगाबाज़ के साथ सनम देखा है..!!

दुश्मनी हो जाती है

दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैकड़ों से, इन्सान का बेहतरीन होना ही गुनाह है।

वो तो ऐसा था

वो तो ऐसा था के एक आँसू गिरने की भी वजह पूछा करता था, पर ना जाने क्यू अब उसे बरसात की पहचान नही होती !!!

मेरी जगह कोई

मेरी जगह कोई और हो तो चीख उठे, मैं अपने आप से इतने सवाल करता हूँ !!

इस शहर में

इस शहर में अंधे और बहरे बसते हैं, कैसे मान लू जलसा हुआ होगा ।।

जिस दिन मेरे हाथों में

जिस दिन मेरे हाथों में छाले नहीं आते … मेरे बच्चो के मुह में निवाले नहीं जाते …

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