कौन चाहता है

कौन चाहता है तेरी यादो से रिहा होना, ये तो वो कैद है जो जान से ज्यादा अज़ीज़ है |

नज़र से नज़र मिलाकर

नज़र से नज़र मिलाकर तुम नज़र लगा गए… ये कैसी लगी नज़र की हम हर नज़र में आ गए!!

खुलासा तो कर दूँ

खुलासा तो कर दूँ ,अपनी मोहब्बत कामगर… मेरी ये संपत्ति,मेरी आय से अधिक है.!!!

मैंने उन तमाम परिदों के

मैंने उन तमाम परिदों के पर काट दिए… जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था कभी|

परिन्दों की फ़ितरत से

परिन्दों की फ़ितरत से आए थे वो मेरे दिल में। ज़रा पंख निकल आए तो आशियाना छोड दिया॥

उसने पूछा की

उसने पूछा की हमारी चाहत में मर सकते हो, हमने कहा की हम मर गए तो तुम्हें चाहेगा कौन|

तुम नाराज हो जाओ

तुम नाराज हो जाओ, रूठो या खफा हो जाओ, पर बात इतनी भी ना बिगाड़ो की जुदा हो जाओ|

तुम्हारी नाराजगी बहुत

तुम्हारी नाराजगी बहुत वाजिब है… मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !

रूक गया है

रूक गया है आसमां मेँ चाँद चलते चलते . . . . तुमको अब छत से उतरना चाहिए . . . .

पाँव लटका के

पाँव लटका के दुनिया की तरफ . . . . आओ बैठे किसी सितारे पर . . . .

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