अपनी खुशियों की

अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना… लोग अक्सर दूसरों का सामान खो देते हैं…

मैं खुद भी

मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं … मुझे गैर कहने वाले तेरी बात मे दम है…

झूठ बोलते है वो

झूठ बोलते है वो… जो कहते हैं, हम सब मिट्टी से बने हैं मैं कईं अपनों से वाक़िफ़ हूँ जो पत्थर के बने हैं

आज मैं भेज

आज मैं भेज रहा हूँ एक सबसे ज्यादा गहराई वाला शेर भेज रहा हूँ अगर पसन्द आये तो शाबाशी अवश्य दीजियेगा ऐ ख़ुदा हिन्दोस्ताँ को बख़्श ऐसे आदमी जिनके सर में मग़ज़ हो और मग़ज़ में ताबिन्दगी  

माला की तारीफ़

माला की तारीफ़ तो करते हैं सब, क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं.. काबिले तारीफ़ धागा है जनाब जिसने सब को जोड़ रखा है.

शौक से तोड़ो दिल

शौक से तोड़ो दिल मेरा मुझे क्या परवाह, तुम ही तो रहते हो इसमे, अपना ही घर ऊजाड़ोगे”.

मुद्दत के बाद

मुद्दत के बाद उसने जो आवाज़ दी मुझे, कदमों की क्या बिसात थी, सांसें ठहर गयीं…!!!

किस्मतवालों को ही

किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह दोस्तों के दिल मे…. यूँ ही हर शख्स तो जन्नत का हक़दार नहीं होता….

आग लगी थी

आग लगी थी मेरे घर को, किसी सच्चे दोस्त ने पूछा..! क्या बचा है ? मैने कहा मैं बच गया हूँ..! उसने हँस कर कहा फिर साले जला ही क्या है..

ए दुश्मनो उठाओ हाथ

ना तबीबों की तलब है न दुआ मांगी है नी मैं जां हु बस तेरे दामन की हवा मांगी है ए दुश्मनो उठाओ हाथ मांगो जिन्दगी मेरी। क्यों की दोस्तों ने मेरे मरने की दुआ मांगी है

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