परवाह मत कीजिये

रास्ता ‘खूबसूरत’ है तो पता कीजिये.. किस ‘मंज़िल’ की तरफ जाता है! लेकिन, अगर ‘मंज़िल’ खूबसूरत हो तो कभी रास्ते की ‘परवाह’ मत कीजिये |

वो आये या

वो आये या ना आये, उसकी मर्ज़ी है दोस्त, उन राहों को मगर आज़ सज़ा कर देखते हैं.

जितने भी जख्म थे

जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है, वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं………..

मुझे देख के

मुझे देख के न मुस्कुरा ज़रा मुस्कुरा के देख ले

समझ में नहीं आते

अच्छी किताबें और सच्चे लोग तुरंत समझ में नहीं आते

खाली खाली सा

मैदान मोहल्ले का, जाने कब से खाली खाली सा है कोई मोबाइल शायद बच्चों की गेंद चुराकर ले गया

ज़िन्दगी के हाथ

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते.. लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता हैं

दोस्ती कीमती है

लेकिन दोस्ती कीमती है, केवल मुश्किल में नहीं , बल्कि जीवन के सुखद क्षणों में भी, और धन्यवाद है उस उदार व्यवस्था को कि जीवन का बड़ा हिस्सा सुखद होता है.

मतलब था ना वास्ता

मेरी जिन्दगी में झाँक कर तुम यूँ चले गये ना मतलब था ना वास्ता,कोई बात बर न थी….

मत सोच इतना

मत सोच इतना जिन्दगी के बारे में , जिसने जिन्दगी दी है उसने भी तो कुछ सोचा होगा…!!

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