आंखों के सौ-सौ सपने हैं

आंखों के सौ-सौ सपने हैं, सपनों की सौ बातें । इन सपनों में तेरे आने की ही सौ सौगातें ।।

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे, जाम हो जाए तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए

वक़्त आने पर बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ

वक़्त आने पर बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है

तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में

तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में, बस कोई अपना नजऱ अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता |

देखकर किसी का दर्द जो आह

देखकर किसी का दर्द जो आह. . निकल जाती हैँ…… बस इतनी सी बात आदमी को इन्सान बनाती हैँ

ना गम है तू

ना गम है तू…. ना खुशी है तू…,,, मेरी उम्र भर की बस एक कमी है तू….!!!!!

आत्मा नाम ही रखती है

आत्मा नाम ही रखती है न मज़हब कोई वो तो मरती भी नहीं सिर्फ़ मकाँ छोड़ती है

बेवफा लोगो को हम से बेहतर कौन जानेगा

बेवफा लोगो को हम से बेहतर कौन जानेगा..! हम तो वो दीवाने हैं जिन्हे किसी की नफरत से भी प्यार था..!!

दोस्ती नज़रों से हो तो उसे कुदरत कहते हैं

दोस्ती नज़रों से हो तो उसे कुदरत कहते हैं, सितारों से हो तो उसे जन्नत कहते है, हुसन से हो तो उसे महोब्बत कहते है, और दोस्ती आप जैसे दोस्त से हो तो उसे किस्मत कहते है,

काश कि तुजे बचपन मे ही माँग लेते

काश कि तुजे बचपन मे ही माँग लेते, हर चिज मील जाती थी दो आँसू बहाने से!

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