यह सुबह का मंजर भी कयामत सा हसीन है.. तकिया है कही.. जुल्फे कही.. खुद वो कही है..
Tag: जिंदगी शायरी
आवाज को नहीं
आवाज को नहीं , अपने अलफ़ाज़ को ले जाओ बुलंदी पर ।।। बादलों की गरज नहीं , बारिश की बौछार फूल खिलाती है ।।।
अपने सिवा कोई मिला है क्या तुम्हे
अपने सिवा कोई मिला है क्या तुम्हे ? हज़ारों बार ली तुमने मेरे दिल की तलाशियां…!
लोग क्या कहेंगे
“लोग क्या कहेंगे “, ये समझ कर जी रहे हैं तो फ़िर… “भगवान क्या कहेंगे” इसका भी विचार जरूर करना।
ये गंदगी तो महल वालो ने फैलाई है साहिब
ये गंदगी तो महल वालो ने फैलाई है साहिब… वरना गरीब तो सङको से थैलीयाँ तक उठा लेते है….!!!
रहने दे अंधेरे मे मुझे
रहने दे अंधेरे मे मुझे…. गालिब उजाले मे अपनो के असली चेहरे नजर आ जाते हैँ….!
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने, मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये…!!!
किसके लिए
“जीत” किसके लिए, ‘हार’ किसके लिए, ‘ज़िंदगी भर’ ये ‘तकरार’ किसके लिए.. जो भी ‘आया’ है वो ‘जायेगा’ एक दिन यहाँ से , फिर ये इंसान को इतना “अहंकार” किसके लिए..
सिखा दिया हैं जहां ने
सिखा दिया हैं जहां ने , हर जख्म पे हसना …… . ले देख जिन्दगी , अब तुझसे नही डरता …..!!
खोए हुए हम खुद हैं
खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते #भगवान को हैं |