हर शाम उड़ते परिंदों को

हर शाम उड़ते परिंदों को देखकर दिल से ये दुआ निकलती है, कि घर किसीका न उजड़े ज़िन्दगी तलाश करते-करते !!

बिछड़ते वक़्त मेरे ऐब गिनाये

बिछड़ते वक़्त मेरे ऐब गिनाये उसने… सोचता हूँ जब मिला था तब कौन सा हुनर था मुझमें…

सका लाखों का श्रंगार

सका लाखों का श्रंगार भी कम पड जाता है|| मेरे नाम के एक चुटकी सिंदूर के आगे||

सुलझे-सुलझे बालों वाली

सुलझे-सुलझे बालों वाली लड़की से कोई पूछे तो, . . उलझा-उलझा रहने वाला लड़का कैसा लगता है.!!

मै बिक जाऊँगा

मै बिक जाऊँगा बस तुम खरीद लेना, सुना है, बेवफाओ के शहर में थोक के भाव मोहब्बत नीलाम होती है|

बड़ी मुश्किल से

बड़ी मुश्किल से सीखी थी बेईमानी हमने सब बेकार हो गयी.. अभी तो पूरी तरह सीख भी ना पाए थे के सरकारें ईमानदार हो गयी ।

मुझे नशा है

मुझे नशा है तुम्हे याद करने का और, ये नशा में सरेआम करता हूँ..

काश कि कोई मिल जाये.

काश कि कोई मिल जाये……. इस जहाँ में तुम सा दूसरा।

जी भर के देखू

जी भर के देखू तुझे अगर गवारा हो ……….. बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो..

हम भूल जाते हैं

हम भूल जाते हैं उस के सारे सितम, जब उस की थोरी सी मुहब्बत याद आती है…!!

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