लोग आज कल ‪मुझसे

लोग आज कल ‪मुझसे‬ मेरी ‪खुशी‬ का ‪राज‬ पूछते है, . अगर तेरी ‪इजाजत‬ हो तो ‪‎तेरा‬ नाम ‪‎बता‬ दूँ !!

तू मुझे गुनहगार

तू मुझे गुनहगार साबित करने की ज़हमत ना उठा, बस ये बता, क्या-क्या कुबूल करना है…!!

मैंने पूछा एक पल में

मैंने पूछा एक पल में जान कैसे निकलती है, उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़ दिया..

वो जब अपने हाथों की

वो जब अपने हाथों की लकीरों में मेरा नाम ढूँढ कर थक गये सर झुकाकर बोले, लकीरें झूठ बोलती है तुम सिर्फ़ मेरे हों……….

लिख देना एक

लिख देना एक इबादत मेरी क्रब पर यारों, मौत अच्छी है मोहोब्बत से तो !!

बस ये कहकर

बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने कि, जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता….

क्यों एक दुआ में

क्यों एक दुआ में अटक के रह गया है दिल, क्यों तेरे सिवा कुछ और माँगा नही जाता|

अकेले कैसे रहा जाता है…

अकेले कैसे रहा जाता है… कुछ लोग यही सिखाने हमारी ज़िन्दगी में आते हैं..

कहानियाँ लिखने लगा

कहानियाँ लिखने लगा हूँ मैँ अब, शायरियों मेँ अब तुम समाती नहीँ…

तुम मिली तो ऐसा लगा

तुम मिली तो ऐसा लगा कि पूरी दुनिया को पा लिया… जब तुम जुदा हुईं मुझसे, तो ऐसा लगा किसी ने मेरा दिल ही निकाल लिया|

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