आवाज को नहीं , अपने अलफ़ाज़ को ले जाओ बुलंदी पर ।।। बादलों की गरज नहीं , बारिश की बौछार फूल खिलाती है ।।।
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देश कुछ इस तरह भी बदलने लगा है
देश कुछ इस तरह भी बदलने लगा है कि…. लोग गाय चराने में “शर्म”और… कुत्ता घुमाने में “गर्व”करने लगे हैं…!!