जब कभी भी ख़वाब में सहरा नज़र आया मुझे।
तिश्नगी में हमें मेरे मौला बस तेरा चेहरा नज़र आया मुझे।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जब कभी भी ख़वाब में सहरा नज़र आया मुझे।
तिश्नगी में हमें मेरे मौला बस तेरा चेहरा नज़र आया मुझे।।