गुनाह कुछ हमसे ऐसे हो गए।
यूँ अनजाने में फूलों का क़त्ल कर दिया।
पत्थरों को मन ने में।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
गुनाह कुछ हमसे ऐसे हो गए।
यूँ अनजाने में फूलों का क़त्ल कर दिया।
पत्थरों को मन ने में।