अब वहां यादों का बिखरा हुआ मलवा ही तो है.. जिस जगह इश्क ने बुनियादे-मका रखी थी..
Category: Zindagi Shayri
बद्दुआये नहीं देता
बद्दुआये नहीं देता फकत इतना ही कहता हूँ.. के जिस पर आ जाएँ दिल तेरा वो बेवफ़ा निकले..
वहाँ तक तो साथ चलो
वहाँ तक तो साथ चलो ,जहाँ तक साथ मुमकिन है , जहाँ हालात बदल जाएँ , वहाँ तुम भी बदल जाना …
जिस कदर मेरी
जिस कदर मेरी ख्वाहिशों की पतंग उड़ रही है, एक न एक दिन कटकर लूट ही जानी है….
बदल जाती हो तुम …
बदल जाती हो तुम ….. कुछ पल साथ बिताने के बाद…… यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा…
समंदर बेबसी अपनी
समंदर बेबसी अपनी किसीसे कह नहीं सकता, हजारों मील तक फैला है फिर भी बह नहीं सकता !!
कुछ तो सम्भाला होता…
कुछ तो सम्भाला होता…. मुझे भी खो दिया तुमने…..
बेताबी उनसे मिलने की
बेताबी उनसे मिलने की इस क़दर होती है हालत जैसी मछली की साहिल पर होती है
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी.. उसे शायद ये पता नहीं था.. की वो भी गुज़र रहा है..!!
सिर्फ पढने भर का
सिर्फ पढने भर का रिश्ता मत रखिये कभी खैरियत भी तो पूछ लिया कीजिये..!!