तेरे क़रीब आकर

तेरे क़रीब आकर उलझनो में हुँ…… पता नही दोस्तो में हुँ या दुशमनो में हुँ…

चल ना सका

पुरक़ैफ बहारें आ ना सकी पुरलुफ़्त नज़ारे हो ना सके दौर ए मय रंगी चल ना सका फ़ितरत के ईशारे हो ना सके आलम भी वही दिल भी वही तक़दीर को लेकिन क्या कहिये हम उनके हैं हम उनके थे पर वो हमारे हो न सके …..

kya Bigad Jata

Khawab Me He Chale Aate Tumhara kya Bigad Jata.. Tumhara Parda V Bna Rhta Mujhe Didar V Ho Jata..

बात वफाओँ की

बात वफाओँ की होती तो कभी ना हारते हम.. खेल नसीबोँ का था भला उसे कैसे हराते.!!

ishq ka kya kasoor

Tauba q karte ho tum ishq se.. Mehbub tumhara befawa h.. Toh ishq ka kya kasoor…

ruka nai karte

Tujhe bhulna Na-Mumkin H…. qki Aankhe andhi V ho jaye to ansu ruka nai karte..

एक तुम हो

एक तुम हो जिस पर दिल आ गया वरना… हम खुद गुलाब हैं किसी और फूल की ख्वाहिश नही करते…

कैसे-कैसे लोग

सर पर चढ़कर बोल रहे हैं, पौधे जैसे लोग, पेड़ बने खामोश खड़े हैं, कैसे-कैसे लोग…..

दुनिया के तार

मैं दुनिया के तार मिलाता रहता हूँ दुनिया मेरे फ्यूज उड़ाती रहती है |

देख कर उसको

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,….. नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी|

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