कोई ठुकरा दे तो

कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना, क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में ज़बरदस्ती नहीं होती|

सब सो गए अपना दर्द

सब सो गए अपना दर्द अपनो को सुना के, मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नीद आ जाती…

जरा सम्भल के

जरा सम्भल के रहना उन इंसानो से दोस्तों…. जिन के दिल मे भी दिमाग होता है…!!

करीब आ जाओ

करीब आ जाओ जीना मुश्किल है तुम्हारे बिना, दिल को तुम से ही नही, तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत है…

धरती पर शिद्दत से

आज भी आदत में शामिल है, उसकी गली से होकर घर जाना.

ख़ुद को बिखरते देखते हैं

ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं

ज़िंदगी कम लगे

ज़िंदगी कम लगे ऐसी मोहब्बत चाहिए, मुझे अपने वजूद की पूरी कीमत चाहिए…!

और भी शेर है

और भी शेर है लिखने को तिरंगा तो कम से कम साफ़ रहने दो भाई

कब आ रहे हो

कब आ रहे हो मुलाकात के लिये, हमने चाँद रोका है, एक रात के लिये…!!

कभी हूँ हर खुशी की

कभी हूँ हर खुशी की राह में दीवार काँटों की, कभी हर दर्द के मारे की आँखों की नमी हूँ मैं….

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