ख्वाहिशों की चादर

ख्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी… देखते हैं वक़्त की रफूगिरि क्या कमाल करती हैं…

करीब ना होते हुए भी

करीब ना होते हुए भी करीब पाओगे हमें क्योंकि… एहसास बन के दिल में उतरना आदत है मेरी….

बदन के घाव

बदन के घाव दिखाकर जो अपना पेट भरता है, सुना है वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है।

हमने कहा था

हमने कहा था दिल दे दो और जान ले लो, उसने दिल दिया नहीं और जान भी ले ली।

मत पूछो कि

मत पूछो कि मै यह अल्फाज कहाँ से लाता हूँ, उसकी यादों का खजाना है, लुटाऐ जा रहा हूँ मैं ।

फिर इशक का जुनूं

फिर इशक का जुनूं चढ़ रहा है सिर पे, मयखाने से कह दो दरवाजा खुला रखे….

वो पत्थर कहाँ मिलता है

वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त, जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं..

दाग शराफत के

दाग शराफत के कुछ ऐसे लगे थे , ज़िन्दगी भी खुल के हम जी न पाये।

कहीं किसी रोज यूँ

कहीं किसी रोज यूँ भी होता, हमारी हालत तुम्हारी होती जो रात हम ने गुजारी मर के, वो रात तुम ने गुजारी होती…

शायर तो कह रहा था

शायर तो कह रहा था कि हमने कहा है शेर और शेर कह रहा था चुराए हुए हैं हम….!

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