क्यों कोई मेरा

क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा, अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा, हम कौन सा किसी के लिए ख़ास है, क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा !!

मुमकिन नहीं है

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से लिखना……….!! मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख लो…….!!

खुद ही दे जाओगे

खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!

न जाने इस जिद का

न जाने इस जिद का नतीजा क्या होगा, समझता दिल भी नहीं मै भी नहीं और तुम भी नही…

तू बेइन्तेहा बरस के

तू बेइन्तेहा बरस के तो देख।। मिट्टी का बना हूं, महक उठुंगा।।

करेगा जमाना कदर हमारी

करेगा जमाना कदर हमारी भी एक दिन देख लेना… बस जरा ये भलाई की बुरी आदत छुट जाने दो.

क्या किस्मत पाई है

क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर, रहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी!!

काश ये दिल

काश ये दिल शीशे का होता.. कम से कम तोड़ने वाले के हाथ मे ज़ख़्म तो होता|

मरने का मज़ा

मरने का मज़ा तो तब है, जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये |

रफ्तार कुछ जिंदगी की

रफ्तार कुछ जिंदगी की यू बनाये रखी हैहमने..कि दुश्मन भले आगे निकल जाए पर दोस्त कोई पिछे ना छुटेगा.

Exit mobile version