कभी साथ बैठो तो कहूँ क्या दर्द है मेरा..अब तुम दूर से पूछोगे तो सब बढ़िया ही कहूँगा…
Category: Love Shayri
तुमको देखा तो मौहब्बत भी
तुमको देखा तो मौहब्बत भी समझ आई वरना इस शब्द की तारीफ ही सुना करते थे…!!
सब्र तहजीब है
सब्र तहजीब है मोहब्बत की साहब, और तुम समझते हो की बेजुबान है हम!!
कुछ और भी हैं
कुछ और भी हैं काम हमें ऐ ग़म-ए-जानाँ, कब तक कोई उलझी हुई ज़ुल्फ़ों को सँवारे
रोज़ आते है
रोज़ आते है बादल अब्र ए रहेमत लेकर मेरे शहर के आमाल उन्हे बरसने नही देते|
मेरा दिल चाँद जेसा
मेरा दिल चाँद जेसा कैसे हो जिन्दगी ने रहो में कई आफताब खड़े किये
न जाने किसने
न जाने किसने, पढ़ी है मेरे हक़ में दुआ… आज तबियत में जरा आराम सा है…
तुझे रात भर
तुझे रात भर ऐसे याद करता हूँ मैं जैसे सुबह इम्तेहान हो मेरा ।
बस इसी बात पे
बस इसी बात पे फांसला रखा मैं ने.. वो..करीब था..हर किसी के..!!
फ़रार हो गई होती
फ़रार हो गई होती कभी की रूह मेरी ! बस एक जिस्म का एहसास रोक लेता है !!