मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में, ये पैसा कुछ ऐसा है…और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है..।।
Category: Love Shayri
आप मुझ से
आप मुझ से, मैं आप से गुज़रूँ….रास्ता एक यही निकलता है…..
चलो तोड़ते हैं
चलो तोड़ते हैं आज मोहब्बत के सारे के उसूल अपने,अब से बेवफाई और दगाबाज़ी दोनों हम करेंगे!
यूँ तो मशहूर हैं
यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से……………!! मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी
आज मुझसे पूछा
आज मुझसे पूछा किसी ने कयामत का मतलब , और मैंने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा !!
फिर छीन रखे हैं
फिर छीन रखे हैं होश हवास यादों ने उनकी यहीं हाल रहा तो इक दिन फ़ना हो जायेंगें हम |
शक से भी
शक से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते.. कसूर हर बार गल्तियों का नही होता|
कितना खुशनुमा होगा
कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इँतज़ार का मंजर भी… जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आँसु बहायेंगे.
किस खत में
किस खत में रखकर भेजूं अपने इन्तेजार को , बेजुबां है इश्क़ , ढूँढता हैं खामोशी से तुझे
बस यूँ ही
बस यूँ ही लिखता हूँ वजह क्या होगी .. राहत ज़रा सी आदत ज़रा सी ..