चुटकियों में ऊड़ाया

मैं भी तो इक सवाल था हल ढूँढते मेरा ये क्या कि चुटकियों में ऊड़ाया गया मुझे

दिलों में नफ़रत

क्या मिलेगा दिलों में नफ़रत रख कर बड़ी मुख्तसर सी ज़िंदगी है मुस्कुरा के मिला करो|

मुझको मेरे वजूद

मुझको मेरे वजूद की हद तक न जानिए , बेहद हूँ, बेहिसाब हूँ, बेइन्तहा हूँ मैं …!!

कहीं इश्क़ ने

वो जो दो पल थे तेरी और मेरी मुस्कान के बीच बस वहीँ कहीं इश्क़ ने जगह बना ली.?

खामोशी अलामत है

मेरी खामोशी अलामत है मेरे इखलाख की इसे बेजूबानी ना समझो  

ठंडी नही होती

रोटी किसी माँ की कभी ठंडी नही होती। मैने फुटपाथो पर भी,जलते चूल्हे देखे है।

बिखर गयी है ज़िन्दगी

कांच के टुकड़े बनकर बिखर गयी है ज़िन्दगी मेरी… किसी ने समेटा ही नहीं… हाथ ज़ख़्मी होने के डर से…

रूह से निकल जाओ

बिछड़ना है तो रूह से निकल जाओ.. रही बात दिल की तो उसे हम देख लेंगे..

लोग मोहब्बत कहते हैं…

मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम…। ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं…

मोहब्बत रूह में

मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब, ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नही होती !

Exit mobile version