आदत मेरी अंधेरो से डरने की डाल कर… एक शक्श मेरी जिंदगी को रात कर गया ..!!
Category: Love Shayri
ख़त्म होती हुई
ख़त्म होती हुई इक शाम अधूरी थी बहुत… ज़िंदगी से ये मुलाक़ात ज़रूरी थी बहुत…
दो लफ्ज़ तुम्हें
दो लफ्ज़ तुम्हें सुनाने के लिए… हज़ारों लफ्ज़ लिखे ज़माने के लिए|
एक ताबीज़ तेरी
एक ताबीज़ तेरी मेरी मोहब्बत को भी चाहिए… थोड़ी सी दिखी नहीं कि, नज़र लगने लगी…
एहसान ये रहा
एहसान ये रहा मुझ पर तोहमत लगाने वालों का..उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया..
मै तो अपनी ही
मै तो अपनी ही नादानियों पर हँस लेता हूं…..!! और ज़माना पूछता है इतनी ख़ुशी लाते कहा से हो……?
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में आँसू नहीं, बस कुछ “नमी” है.. वजह तू नहीं, तेरी ये “कमी” है..
बिक जायें बाज़ार में
बिक जायें बाज़ार में हम भी,लेकिन उस से क्या होगा जिस कीमत पर तुम मिलते हो,उतने कहाँ है अपने दाम !!
हर पन्ना तेरे नाम से
हर पन्ना तेरे नाम से रंग दिया है, मेरी डायरी से पुछ मोहब्बत क्या है|
इंतजार का क़ायल
मैं इंतजार का क़ायल ना था मगर तुमने लगा दिया मुझे दीवार से घड़ी की तरह|