कहानियाँ लिखने लगा

कहानियाँ लिखने लगा हूँ मैँ अब.!! शायरियोँ मेँ अब तुम समाती नहीँ.!!

कौन कहता हे

कौन कहता हे भगवान आते नहीं तुम मीरा के जेसे बुलाते नहीं

ना मिला सुकून

ना मिला सुकून तो खतम ज़िन्दगी कर ली, नदी ने जाकर समंदर में खुदखुशी कर ली…!!!

सीख जाओ वक्त

सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना… कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते..!!

हो सके तो

हो सके तो अब के कोई सौदा न करना, मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ………

छुप के आता है

छुप के आता है कोई हर रात मेरे ख्वाब सजाने, फूल हर सुबह महकते है सिरहाने मेरे …

इश्क़ बना कर

हमारे अलावा किसी और को अपना इश्क़ बना कर देख लो… आपकी हर धड़कन कहेगी उनकी वफ़ा मैं कुछ और बात थी…!!

ऐ खुदा इश्क़

ऐ खुदा इश्क़ में दोनों को मुकम्मल कर दे उसे दीवाना बना दे….. मुझे पागल कर दे

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