खामोशी अलामत है

मेरी खामोशी अलामत है मेरे इखलाख की इसे बेजूबानी ना समझो  

शामिल नहीं हैं

अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब, नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे….!!!!

मुश्किलें तमाम है

जिन्दगी में मुश्किलें तमाम है, फिर भी इन होठों पे मुस्कान है, जीना जब हर हाल में है तो, फिर मुस्कुराकर जीने में क्या नुकसान है !!

ठंडी नही होती

रोटी किसी माँ की कभी ठंडी नही होती। मैने फुटपाथो पर भी,जलते चूल्हे देखे है।

बिखर गयी है ज़िन्दगी

कांच के टुकड़े बनकर बिखर गयी है ज़िन्दगी मेरी… किसी ने समेटा ही नहीं… हाथ ज़ख़्मी होने के डर से…

रूह से निकल जाओ

बिछड़ना है तो रूह से निकल जाओ.. रही बात दिल की तो उसे हम देख लेंगे..

लोग मोहब्बत कहते हैं…

मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम…। ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं…

मोहब्बत रूह में

मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब, ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नही होती !

खूब अदा है

आपके चलने की भी क्या खूब अदा है.. तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है..!

इंतजार की घड़ियाँ

इंतजार की घड़ियाँ ख़त्म कर ऐ खुदा, जिसके लिये बनाया है उससे मिलवा भी दे अब ज़रा..!

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