एक नया ही रंग

जब जब सच बोलके देखा मुह पे इंसान के, हर वक़्त एक नया ही रंग सामने आया ।

जरा मुस्कुरा के

जरा मुस्कुरा के देखो, दुनिया हँसती नजर आएगी!

वो रुठ कर बोली

वो रुठ कर बोली क्यूं इतना दर्द लिखते हो, मैंने मुस्कुरा के कहा.. शायरी कोई कानूनन जुर्म तो नहीं..!!

कुछ नेकी इस तरह से

कुछ नेकी इस तरह से कमाना भी चाहिए। डालो कुंए में और भुलाना भी चाहिए|

हसीन आँखों को

हसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको,… मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली…

उसकी जरूरत उसका इंतजार

उसकी जरूरत उसका इंतजार और ये तन्हा आलम, थक कर मुस्कुरा देते है हम जब रो नहीं पाते…!!

मेरा हर लफ़्ज

मेरा हर लफ़्ज हर बात अधूरी है तुम्हारे बिन दिन और रात अधूरी है . मैं क्या ग़ज़ल पेश करूँ, यूँ तो तुम्हारे बिन ग़ज़ल की शुरुआत अधूरी है . ऐसे बस जाए कभी सोचा ही नहीं तुम्हारे बिन मेरे लिए कायनात अधूरी है . कैसे मुकम्मल हो मेरी रूह-ए-ग़ज़ल तुम्हारे बिन ग़ज़ल की पूरी… Continue reading मेरा हर लफ़्ज

कोई झंकार है

कोई झंकार है, नग़मा है, सदा है क्या है ? तू किरन है, के कली है, के सबा है, क्या है ? तेरी आँख़ों में कई रंग झलकते देख़े सादगी है, के झिझक है, के हया है, क्या है ? रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने तू कोई झील है, झरना है,… Continue reading कोई झंकार है

छोड़ा हाथ उसने

छोड़ा हाथ उसने सरे-राह बस ये कहते हुये, . घर मे बरकत नहीं होती पुरानी चीज़ों के रहते हुये…

मुझे तो पहले से ही

मुझे तो पहले से ही यकीन था तेरी फितरत पर, बस तेरा नज़रें फेर के जाते हुए देखना बाकी था|

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