निर्धन दिल का है

निर्धन दिल का है धनी, और धनी है दीन। निर्धन दिल से साफ़ है, और धनी है हीन।। कोई किसका दास है, कोई किसका दास। मन फ़क़ीरी खिल्ल उठे, होवे कभी उदास।। देह काम करता नहीं, बुद्धि न देती साथ। जब भी मुँह खोलूँ सदा, निकले उलटी बात।।

तलब नहीं कोई

तलब नहीं कोई हमारे लिए तड़पे , नफरत भी हो तो कहे आगे बढ़के.!!

अजब ये मुल्क़ है

अजब ये मुल्क़ है ऐसा हम जहाँ पे रहते हैं, इश्क़ छुपके यहाँ, नफ़रत खुलेआम होती है…!!

आग लगाना मेरी

आग लगाना मेरी फ़ितरत में नहीं.., पर लोग मेरी सादगी से ही जल जाये… उस में मेरा क्या क़सूर…!

जिसे शिद्दत से

जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है, बस मुद्दतों से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला!

ज़िन्दगी के मायने

ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे , अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो..

पता नही होश मे

पता नही होश मे हूँ….. या बेहोश हूँ मैं….. पर बहूत सोच ……. समझकर खामोश हूँ मैं.

मुझे इंसान को

मुझे इंसान को पहचानने की ताकत दो तुम…. या फिर मुझमें इतनी अच्छाई भरदो की…. किसी की बुराई नजर ही ना आये..

तुझे तो मिल गये

तुझे तो मिल गये जीवन मे कई नये साथी, . . लेकिन….. . . “मुझे हर मोड़ पऱ तेरी कमी अब भी महसूस होती है….!!

वो फूल हूँ

वो फूल हूँ जो अपने चमन में न रहा, वो लफ्ज़ हूँ जो शेरों सुख़न में न रहा, कल पलकों पे बिठाया, नज़र से गिराया आज, जैसे वो नोट हूँ जो चलन में न रहा।

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