हद पार करने की भी… एक हद होती है|
Category: 2 Line Shayri
मेरी ख़ामोशी की ख्वाहिश
मेरी ख़ामोशी की ख्वाहिश भी तुम, मेरी मोहब्बत की रंजिश भी तुम….
जिश हो दिल में
जिश हो दिल में तो… खुल के गिला करो….
जो बेसब्र ना हो
जो बेसब्र ना हो, तो फिर वो मुहब्बत कैसी…..
ख़ामोशियाँ जब चीखने लगें..
ख़ामोशियाँ जब चीखने लगें.. तो समझो ज़िंदगी रक़ीब हो चली है ख़ुद की|
सच को तमीज़ नहीं
सच को तमीज़ नहीं बात करने की.. जुठ को देखो कितना मीठा बोलता है ।
एक दिल धड़कता है
एक दिल धड़कता है तो दुजा समझता है..
आदी है हम
मुझे लहज़े खफ़ा करते हैं तुम्हारे, लफ़्जों के तो ख़ैर आदी है हम|
फ़ासलों से दोस्ती कर ली
नज़दीकियाँ अब अख़रने लगी थी उन्हें… कुछ यूँ भी मैंने फ़ासलों से दोस्ती कर ली|
आप चाहो मेरे हाथों की
आप चाहो मेरे हाथों की तलाशी ले लो, मेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नहीं !