कोई अच्छा लगा

दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया, कोई अच्छा लगा और बस लगता चला गया..!!

पलकों से पानी गिरा है

पलकों से पानी गिरा है, तो उसे गिरने दो, सीने में कोई पुरानी तमन्ना, पिघल रही होगी….

नजरों में समेट लूँ

दिलकश नजारों को नजरों में समेट लूँ, चाँदनी के नूर में इस रूह को लपेट लूँ|

चांदी की दीवार

चांदी की दीवार ना तोड़ी प्यार भरा दिल तोड़ दिया |

बे मौत ना मारे

बे मौत ना मारे फ़लक आदमी ही क्या, वो गम नहीं जो मौत से पहले न मार दे |

ज़िंदगी अब नही सवरेगी

ज़िंदगी अब नही सवरेगी शायद, बड़ा तजुर्बेकार था उजाड़ने वाला..!!

उसने जी भर के

उसने जी भर के मुझको चाहा था…, फ़िर हुआ यूँ कि उसका जी भर गया।

अगर कसमें सच्ची होती

अगर कसमें सच्ची होती, तो सबसे पहले खुदा मरता..

सर क़लम होंगे

सर क़लम होंगे कल यहाँ उन के जिन के मुँह में ज़बान बाक़ी है |

अक्ल के पास खबर के सिवा

अक्ल के पास खबर के सिवा कुछ भी नही । तेरा इलाज नजर के सिवा कुछ भी नही।

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