काफी नही फ़क़ीरी में

काफी नही फ़क़ीरी में दुनिया को छोड़ना, कुछ आपका मिजाज भी ‘रूहानी’ होना चाहिए..

तेरे दीदार में

हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते है…

चार आने सांस

चार आने सांस,बारह आने एहसास,एक रूपया जिंदगी|

इतनी मजबूती से

इतनी मजबूती से इस वीराने के दर बंद हुऐ, दिल में उतरी ना कोई ज़ात, तेरी ज़ात के बाद !

याद कर लेना मुझे

याद कर लेना मुझे तुम, कोई भी जब पास न हो ! चले आएंगे इक आवाज़ में, भले हम ख़ास न हों..!!

कौन समझ पाया हे

कौन समझ पाया हे आज तक हमे….???? हम अपने हादशो के इकलौते गवाह है.!!

जनाजा उठा है

जनाजा उठा है आज कसमों का मेरी, एक कंधा तो तेरे वादों का भी होना चाहिए !!

भिगों कर रख दिया

भिगों कर रख दिया तुम्हारी यादों ने इतना, कि बारिश में भीगने का अब मन नहीं करता…

मोहब्बत को खोकर भी

अपनी मोहब्बत को खोकर भी जो संभल जाते है, बहोत मजबूत हो जाते है वो लोग जिन्दगी में !!

मुझसे मोहब्बत में

मुझसे मोहब्बत में सलाह मांगते है लोग… तेरा इश्क़ मुझे ये तजुर्बा दे गया…

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