तेरे इश्क़ का सुरूर

तेरे इश्क़ का सुरूर था जो खुद को बरबाद कर दिया…!! वरना एक वक्त था जब दुनियां मेरी भी रंगीन थी…!!

अदावत दिल में

अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखतें हैं…!! ना जाने लोग भी क्या क्या अदाकारी दिखाते हैं…!!

हमारी ख़ताओं का हिसाब

हमारी ख़ताओं का हिसाब रखते जाना, उनकी अदाओं का हिसाब मुमकिन नहीं..

मेरी चाहत की इन्तहा

काश के कभी तुम समझ जाओ मेरी चाहत की इन्तहा को, हैरान रह जाओगे तुम अपनी खुश-नसबी पर..

एक सिलसिले की उम्मीद

एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे; वही फ़ासले बनाते गये! हम तो पास आने की कोशिश में थे; ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!

फासले इस कदर भी

फासले इस कदर भी न रखो रिश्तों में , जैसे कोई घर खरीदा हो किश्तों में…..

गुलामी ख्वाहिशो की है

गुलामी ख्वाहिशो की है और मज़बूरी जरूरतों की.. वर्ना खुश मिजाज़ होना भला किसे खलता है..

ठंडी कर देती है

उसकी यादें अक्सर मेरी चाय ठंडी कर देती है !

कुछ लोग कह रहे हैं

कुछ लोग कह रहे हैं मैं मग़रूर हो गया सच तो है मैं ज़माने में मशहूर हो गया|

तू आसमाँ से

तू आसमाँ से कोई बादलों की छत ले आ बरहना शाख़ पे क्या आशियाँ बनाता है|

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