पाने की बेकरारी और खोने की दहशत, इन्हीं बेचैनियों का नाम है मोहब्बत|
Category: शायरी
उसका नजर से
उसका नजर से दूर रह कर भी, मेरी हर सोंच में हमेशा रहना….. किसी के पास रहने का तरीका हो, तो ऐसा ही हो….
गरीब की बस्ती
गरीब की बस्ती में ज़रा जा कर तो देखो दोस्तों वहां बच्चे भुखे तो मिलेंगे पर उदास नही
बड़ा अहसान है
बड़ा अहसान है तेरी सभी नफरतों का मुझपे, तुझसे मिली एक ठोकर ने मुझे चलना सिखा दिया…
एक बेहतरीन रिश्ते को
एक बेहतरीन रिश्ते को उसने खामोश होकर सदा के लिए खामोश कर दिया |
हम भी कभी
हम भी कभी अपनो की उदासी दूर किया करते थे, पर जब आज हम तन्हा है तो पूछने वाला कोई नही !!!
यहाँ लोग गिनाते है
यहाँ लोग गिनाते है खूबियां अपनी मैं अपने आप में खामियां तलाश करता हूँ
किस कदर जोर से
किस कदर जोर से हंसा था दिल ! साफ़ लगता था रोने वाला है !!
बैठा है क्यों
बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद में……?? मुझसे तो कह रहा था मुहब्बत फिजूल है……
जो भी आता है
जो भी आता है एक नई चोट देकर चला जाता है, माना मैं मजबूत हूँ लेकिन…… पत्थर तो नहीं.!