इस दुनिया में हर शख्स ने रोज कुछ न कुछ नया माँगा खुदा से…. और…. एक मैं हूँ जो कभी भी तेरे ख्यालों से आगे ही नहीं गया….iii
Category: शर्म शायरी
आज हम उदास
सुनो आज हम उदास हैं और उसकी वजह हमे भी पता नहीं हैं…
सबको खुश रखो।।
अजीब-ओ-गरीब फ़रमाईस की है जमाने ने मुझसे। कहता हैं,सच बोलो,सबको खुश रखो।।।।
उन्हें तोड़ देते हे ।
रिश्ते कभी अपने आप नही टूटते अहंकार , अज्ञान और रवैये उन्हें तोड़ देते हे ।।
बड़ी बात नहीं
ईतर से कपड़ों को महकाना बड़ी बात नहीं …… मज़ा तो तब हैं जब खुशबु आपके किरदार से आये !!!
यूँ मेरे ख़त का
यूँ मेरे ख़त का जबाब आया.. ..लिफाफे में एक गुलाब आया ।
ख़ामोशी से भी
ख़ामोशी से भी नेक काम होते हैं, मैंने देखा है पेड़ों को छाँव देते हुए..
कुछ तो संभाल के
कुछ तो संभाल के रखती , देखो मुझे भी खो दिया तुमने….
कैसा है ये इश्क
कैसा है ये इश्क और कैसा हैं ये प्यार ,जीते-जी जो मुझ से , तुम दूर जा रहे हो..
कोई पुरानी तमन्ना
आँखों से पानी गिरता है , तो गिरने दीजिये… कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी…